हरियाणवी भजन

लगावः बाबा का दरबार गुरू मुरारी का चैला

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लगावः बाबा का दरबार,
गुरू मुरारी का चैला,
शनि मंगल ने चौकी लावः,
दुर दुर तं दुखिया आवं,
हो ना होवण दे लाचार,
गुरू मुरारी का चैला।।



सुरजमल भक्त स निराला,

सब भक्तां का देखया भालया,
पुजः जिनते पवन कुमार,
गुरू मुरारी का चैला।।



जिसकी सुरती बजरंगी में,

रहता ना वो कदे तंगी में,
पा गया हनुमान का प्यार,
गुरू मुरारी का चैला।।



कप्तान शर्मा देखया नजारा,

बह कंजावला अम्रत धारा,
गावः कौशिक जी तो मल्हार,
गुरू मुरारी का चैला।।



लगावः बाबा का दरबार,

गुरू मुरारी का चैला,
शनि मंगल ने चौकी लावः,
दुर दुर तं दुखिया आवं,
हो ना होवण दे लाचार,
गुरू मुरारी का चैला।।

भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )
वीडियो उपलब्ध नहीं।


 

Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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