हारे का सहारा है,
हमें प्राणों से प्यारा है,
झूठी दुनियादारी,
यही सच्चा सहारा है।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा है।
झूठे रिश्ते नाते,
स्वारथ में भरे पाते,
जब वक्त पड़े तो ये,
कोई काम नहीं आते,
जौ भर जब सूंड रही,
हरी गज ने पुकारा है,
झूठी दुनियादारी,
यही सच्चा सहारा है,
हारे का सहारा हैं,
हमें प्राणों से प्यारा है।।
ये माटी का तन है,
बचपन चाहे योवन है,
जो श्याम शरण आया,
जीवन वही जीवन है,
मन वाणी शुद्ध करो,
बहे नाम की धारा है,
झूठी दुनियादारी,
यही सच्चा सहारा है,
हारे का सहारा हैं,
हमें प्राणों से प्यारा है।।
भक्तन भयहारी है,
सच्चा सुख कारी है,
कैसे नैया डूबे,
रक्षक गिरधारी है,
निज भक्तों का साथी,
वो नंद दुलारा है,
झूठी दुनियादारी,
यही सच्चा सहारा है,
हारे का सहारा है,
हमें प्राणों से प्यारा है।।
हम श्याम दीवाने हैं,
श्याम मस्ती में रहते हैं,
जब कोई मुसीबत हो,
इसको ही कहते हैं,
‘मुरली’ ‘पंकज’ की नैया को,
इसने ही संवारा है,
झूठी दुनियादारी,
यही सच्चा सहारा है,
हारे का सहारा है,
हमें प्राणों से प्यारा है।।
हारे का सहारा है,
हमें प्राणों से प्यारा है,
झूठी दुनियादारी,
यही सच्चा सहारा है।।
गायक तथा प्रेषक –
श्याम दीवाना पंकज पारीक
फोन – 9928303690