देने से पहले क्या कभी,
सोचा है सांवरे,
कर्जा भी क्या गरीब का,
चुकता है सांवरे,
देने से पहलें क्या कभी,
सोचा है सांवरे।।
तर्ज – मिलती है जिंदगी में।
खुशिया है मेरे पास जो,
कर्जा है आपका,
रहमो कर्म है आपका,
एहसान आपका,
कदमो में सर हमारा,
झुकता है सांवरे,
कर्जा भी क्या गरीब का,
चुकता है सांवरे,
देने से पहलें क्या कभी,
सोचा है सांवरे।।
आँखे हमारी शर्म से,
उठती कभी नही,
जो भी लिया है आपसे,
वापस किया नहीं,
फिर भी न जाने क्यों मुझे,
देता है सांवरे,
कर्जा भी क्या गरीब का,
चुकता है सांवरे,
देने से पहलें क्या कभी,
सोचा है सांवरे।।
किरपा हुई है आपकी,
करते है शुक्रिया,
‘बनवारी’ इस गरीब को,
क्या क्या नही दिया,
इतना भी क्या कभी कोई,
करता है सांवरे,
कर्जा भी क्या गरीब का,
चुकता है सांवरे,
देने से पहलें क्या कभी,
सोचा है सांवरे।।
देने से पहले क्या कभी,
सोचा है सांवरे,
कर्जा भी क्या गरीब का,
चुकता है सांवरे,
देने से पहलें क्या कभी,
सोचा है सांवरे,
कर्जा भी क्या गरीब का,
चुकता है सांवरे,
देने से पहलें क्या कभी,
सोचा है सांवरे।।
Singer : Sanjay Mittal