वीरो में वीर है बजरंगी,
दुष्टों के काल राम के संगी,
भरी सभा भी खामोश थी तब,
बोले बलि,
लंकापूरी में मुझको जाना है,
माता सिता का पता लगाना है,
लंकापूरी ने मुझको जाना है,
माता सिता का पता लगाना है।।
तर्ज – आज फिर जीने की तमन्ना है।
राम की आज्ञा से हनुमाना,
उड़ गये पवन समाना,
सुरसा ने पकड़ा हनुमान को तब,
बोले बलि,
लंकापूरी ने मुझको जाना है,
माता सिता का पता लगाना है,
लंकापूरी में मुझको जाना है,
माता सिता का पता लगाना है।।
माँ के चरणों में शीश नवाये,
रघुवर के कपी सन्देश सुनाये,
आग लगाई जब पूछ में सारी,
लंका जली,
लंकापूरी ने मुझको जाना है,
माता सिता का पता लगाना है,
लंकापूरी में मुझको जाना है,
माता सिता का पता लगाना है।।
हनुमत ने सिय की कथा सुनाई,
आँखे श्री राम की भर आई,
सेवक करो ना प्रभु देर तो अब,
बोले बलि,
लंकापूरी में सबको जाना है,
माता सिता को वापस लाना है,
लंकापूरी में मुझको जाना है,
माता सिता का पता लगाना है।।
वीरो में वीर है बजरंगी,
दुष्टों के काल राम के संगी,
भरी सभा भी खामोश थी तब,
बोले बलि,
लंकापूरी ने मुझको जाना है,
माता सिता का पता लगाना है,
लंकापूरी में मुझको जाना है,
माता सिता का पता लगाना है।।
Singer : Mukesh Bagda