ओ जी मेवाड़ प्यारो लागे जी सा,
माने मीरा बाई रो देश,
मेवाड़ प्यारो लागे जी सा।।
अरे पूरव दिशा में बूंदी तो कोटा,
अन पानी का हे नहीं टोटा,
बेगू बिजोलिया मांडलगढ़ मोटा,
ऊपर माळ की ओ सेर,
अरे डिगी पूरी में श्याम सिंगोली,
जोगणिया की मेर।
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ।।
अरे दरशन कांकरोली नाथूदुवारा,
केसरिया केसर का रे क्यारा,
एकलिंग जी पहाडा में प्यारा,
चार भुजा गढ़ गोर,
अरे हल्दी गाटी जीणा मंगरा,
मीठा बोले मोर।
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ।।
अरे दक्षिण दिशा में सेठ साँवरा,
भेरू भदेसर अम्बे आवरा,
शनि जातळा मात रावळा ने,
वाँ को गढ़ चित्तोड़,
अरे गढ़ किला पर बैठी रे काळका,
शूरा की सिर मोड़।
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ।।
पश्चिम दिशा फरकादे तो चंडी,
कामण गटका गाटा की चंडी,
फतेनगर गंगापुर मंडी,
बिकेई मोकळा माल,
ए फरारा महादेव रामेश्वर जी,
राजसमंद री बात।
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ।।
गांव उदेपुर सेर सेलाणी,
भोमठ की वा भोमरल्याणी,
पिछोला मोती मंगरी सुहाणी,
बागा छठा धरियाणी,
चिरवा को अखाड़ो गजब को,
मंगरा की हरियली।
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ।।
अरे मेवाड़ का हे मोटा रे ठाणा,
राजा रहीशा का रथवाड़ा,
सोळा999 बतिशा का गढ़ वाळा,
होवे रागण्या माल,
अरे रणकपुर की झांकी बांकी,
परशु राम का पाड।
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ।।
अरे उत्तर माहि सेर बिलोड़ा,
पुरमांडल पदनोर पण्डेड़ा,
धनोप बंक्या राय करेड़ा,
सवई भोज की धाम,
राम दुआरा शाहपुरा में,
आगे कोटड़ी शाम।
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ।।
डाकण भुत का गणा रे छाळा,
सात सरोवर सातोई थाळा,
नो नादिया नन्याणू रे वाळा,
वेवे उबट पाट,
मज मेवाड़ में मातृकुंड्या,
मेंळा को हे ठाठ।
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ।।
अरे भेरू लाल कंवरा का तो लाला,
नेवरिया का रेवे वाळा,
गंगाहर गढ़ रे बाला,
पंच मुखी की मेर,
अरे निरभे के गर जोड़ बनाई,
या मेवाड़ की सेर।
मेवाड़ प्यारो लागे जी ओ।।
ओ जी मेवाड़ प्यारो लागे जी सा,
माने मीरा बाई रो देश,
मेवाड़ प्यारो लागे जी सा।।
Singer – Jagdish Vaishnav & Rajesh Vaishnav
प्रेषक – कुलदीप मेनारिया आलाखेड़ी