रावणा के देश गयो,
सिया को संदेशो लायो,
कबहुँ ना किन्ही योद्धा,
बात अभिमान की,
रावणा के देश गयों,
सिया को संदेशो लायो,
रावणा के देश गयो।।
राक्षको को मार डाला,
वाटिका उजार डाली,
बेसहत मानी नाही,
रावण बलवान की,
रावणा के देश गयों,
सिया को संदेशो लायो,
रावणा के देश गयो।।
क्षण में समुन्द्र लाँघियों,
पल में पहाड़ लायो
लायो संजीवन बूटी,
लक्ष्मण प्राण की,
रावणा के देश गयों,
सिया को संदेशो लायो,
रावणा के देश गयो।।
सुनो भरत भैया,
दुहाई दशरथ जी की,
हनुमंत ना हो तो,
कौन लातो जानकी,
रावणा के देश गयों,
सिया को संदेशो लायो,
रावणा के देश गयो।।
तुलसी दास,
आस रघुवर की,
बलिहारी जावू मै तो ,
बली हनुमान की,
रावणा के देश गयों,
सिया को संदेशो लायो,
रावणा के देश गयो।।
रावणा के देश गयो,
सिया को संदेशो लायो,
कबहुँ ना किन्ही योद्धा,
बात अभिमान की,
रावणा के देश गयों,
सिया को संदेशो लायो,
रावणा के देश गयो।।
Singer : Prakash Mali
“भजन श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”
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