कुछ नहीं करुणानिधान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए,
कुछ नहीं करुणानिधान चाहिए।।
तर्ज – अच्छा सिला दिया तूने।
दुनिया सताए तो सताने दीजिए,
दिल भी दुखाए तो दुखाने दीजिए,
मेहरबा तू ही मेहरबान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए,
कुछ नही करुणानिधान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए।।
धन की ना धुन कभी मन में समाए,
जिसके नशे में तेरा नाम भूल जाए,
ऐश का ना कोई भी सामान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए,
कुछ नही करुणानिधान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए।।
ख़ाक भी रमाएंगे रमानी जो पड़े,
झोपड़ी में जिंदगी बितानी पड़े,
कोठी बंगला ना मकान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए,
कुछ नही करुणानिधान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए।।
क्या कहे जो तेरा नाम ना जपें,
हो के मगन सुबह शाम ना जपें,
ऐसी ना बेमोल को जबान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए,
कुछ नही करुणानिधान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए।।
कुछ नहीं करुणानिधान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए,
कुछ नहीं करुणानिधान चाहिए।।