बिन माझी कभी भी नैया,
भव पार नहीं होती,
जिनके है श्याम खिवैया,
उनकी हार नहीं होती,
बिन माझी कभी भी नईया,
भव पार नहीं होती।।
तर्ज – दिल दीवाने का डोला।
ये तिहूँ लोक का मालिक,
तेरी सरपट नाव चलाये,
बिन पानी तैरे नैया,
ये करके श्याम दिखाये,
पतवार की भी इनको तो,
दरकार नहीं होती,
बिन माझी कभी भी नईया,
भव पार नहीं होती।।
आदत बाबा की पुरानी,
हारे का साथ निभाये,
आँखों के आंसू पोछे,
जीवन खुशहाल बनाये,
कभी शर्म से आँखे नीची,
सरकार नहीं होती,
बिन माझी कभी भी नईया,
भव पार नहीं होती।।
जिसने अपना ये जीवन,
मेरे श्याम के हाथो सोंपा,
करता है ‘कमल’ उससे तो,
मेरा बाबा पक्का सोदा,
कोई कितने दाव चलाये,
पर हार नहीं होती,
बिन माझी कभी भी नईया,
भव पार नहीं होती।।
बिन माझी कभी भी नैया,
भव पार नहीं होती,
जिनके है श्याम खिवैया,
उनकी हार नहीं होती,
बिन माझी कभी भी नईया,
भव पार नहीं होती।।
Singer : Amit Kalra”मीतू”