बेटीयां बोझ होती नहीं,
याद आती हैं ये विदा होने के बाद,
बेटे के मोह में ना भुलाना इन्हें,
याद आती हैं ये विदा होने के बाद,
बेटीयां बोझ होती नही,
याद आती हैं ये विदा होने के बाद।।
चार दिन के लिए,
घर में आई है ये,
कल चली जाएगी,
हाँ पराई है ये,
इनकी यादो को,
दिल में छुपा लीजिए,
तडपती है ये,
विदा होने के बाद,
बेटीयां बोझ होती नही,
याद आती हैं ये विदा होने के बाद।।
माँ की हालत किसी से,
कही जाये ना,
ये जुदाई पिता से,
सही जाये ना,
भाई के नैन भी,
कुछ यही कह रहे,
क्यों रुलाती है ये,
विदा होने के बाद,
बेटीयां बोझ होती नही,
याद आती हैं ये विदा होने के बाद।।
दो कुलो के चिरागों को,
रोशन करे,
कोई अब ना कभी,
इनका शोषण करे,
जुल्म हर एक सहे,
मुख से ना कहे,
चली जाती है ये,
विदा होने के बाद,
बेटीयां बोझ होती नही,
याद आती हैं ये विदा होने के बाद।।
बेटियों को जो कहता है,
ये बोझ है,
बात है ये गलत,
व्यर्थ की सोच है,
ऐ मनुज इनसे,
गौरव परिवार का,
निभाती है ये,
विदा होने के बाद,
बेटीयां बोझ होती नही,
याद आती हैं ये विदा होने के बाद।।
बेटीयां बोझ होती नहीं,
याद आती हैं ये विदा होने के बाद,
बेटे के मोह में ना भुलाना इन्हें,
याद आती हैं ये विदा होने के बाद,
बेटीयां बोझ होती नही,
याद आती हैं ये विदा होने के बाद।।
Sent By –
Singer – Gaurav Srivastava
Cont. 07398529484
Lyricist – Manoj Srivastava