तेरी रहमतो ने हमको,
दर पर बुला लिया है।
श्लोक – ये रुतबा मेरे सर को,
तेरे दर से मिला है,
हालांकि मेरा सर भी,
तेरे दर से मिला है,
मिलता है मांगने से,
मुक्कदर से भी ज्यादा,
हालांकि मुक्कदर भी,
तेरे दर से मिला है,
इसी दर से है ये जिंदगी हमारी,
इसे छोड़कर हम कहाँ जाएंगे,
या तो दिल की कली,
आज खिल जाएगी,
या यहीं सर पटक करके मर जाएंगे।
तेरी रहमतो ने हमको,
दर पर बुला लिया है,
दर दर की ठोकरों से,
हमको बचा लिया है,
तेरी रहमतो ने हमको।।
यूँ तो खा रहे थे गोते,
मझदार में थी नैया,
देकर मुझे सहारा,
किनारे लगा दिया है,
तेरी रहमतों ने हमको,
दर पर बुला लिया है,
तेरी रहमतो ने हमको।।
क्या मांगू मैं जहाँ से,
दुनिया तो है भिखारी,
मैंने तो तेरे दर पे,
दामन फैला दिया है,
तेरी रहमतों ने हमको,
दर पर बुला लिया है,
तेरी रहमतो ने हमको।।
कही मैं भटक ना जाऊँ,
मेरा ख्याल रखना,
मैंने तुमको तो अपना,
साहिब बना लिया है,
तेरी रहमतों ने हमको,
दर पर बुला लिया है,
तेरी रहमतो ने हमको।।
तेरे प्रेम मयकदे में,
हम तो हुए शराबी,
मैंने तो तुमको अपना,
साखी बना लिया है,
तेरी रहमतों ने हमको,
दर पर बुला लिया है,
तेरी रहमतो ने हमको।।
हसरत है मेरे दिल में,
दीदार तेरा पाऊँ,
मुझको इसी तमन्ना ने,
पागल बना दिया है,
तेरी रहमतों ने हमको,
दर पर बुला लिया है,
तेरी रहमतो ने हमको।।
तेरी रहमतो ने हमको,
दर पर बुला लिया है,
दर दर की ठोकरों से,
हमको बचा लिया है,
तेरी रहमतो ने हमको।।
Singer : Dheeraj Bawra