बेड़ा तर जाए ये भव से,
यही अरदास करता हूँ,
नही सुमिरन भजन मेरे,
मगर फरियाद करता हूँ।।
तर्ज – बैदर्दी बालमा तुझको।
मिले इक बूँद जो तेरी,
मेरी तृष्णाऐ मिट जाए,
मिले चरणो की जो धूली,
मेरा जीवन सँवर जाए,
यही अर्जी प्रभू तुमसे,
मै दिन और रात करता हूँ।
बैड़ा तर जाए ये भव से,
यही अरदास करता हूँ,
नही सुमिरन भजन मेरे,
मगर फरियाद करता हूँ।।
जिसे गर्मी है दौलत की,
अकड़ उसकी दिखाता है,
किसी के पास बल है वो,
अकड़ उसकी दिखाता है,
मै निर्बल हूँ मै निर्धन हूँ,
तुम्ही को याद करता हूँ।
बैड़ा तर जाए ये भव से,
यही अरदास करता हूँ,
नही सुमिरन भजन मेरे,
मगर फरियाद करता हूँ।।
मेरी नैया तुम्ही गुरुवर,
तुम्ही पतवार हो दाता,
किनारा भी तुम्ही मेरा,
तुम्ही मझधार हो दाता,
नही आशा जगत से है,
तुम्ही से आस करता हूँ।
बैड़ा तर जाए ये भव से,
यही अरदास करता हूँ,
नही सुमिरन भजन मेरे,
मगर फरियाद करता हूँ।।
बेड़ा तर जाए ये भव से,
यही अरदास करता हूँ,
नही सुमिरन भजन मेरे,
मगर फरियाद करता हूँ।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
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