देखूँ तेरी बाट,
अटर चढ़के,
आजा आजा मेरे श्याम,
घोड़े पे चढ़के।।
कोरा कोरा घड़वा,
गंगा जल पानी,
मै तो सनान कराऊँ,
बाबा मन भर के,
आजा आजा मेरे श्याम,
घोड़े पे चढ़के।।
हाथ हथेली केसर रोली,
केसर रोली बाबा केसर रोली,
मै तो तिलक लगाऊँ,
बाबा मन भर के,
आजा आजा मेरे श्याम,
घोड़े पे चढ़के।।
चुन चुन कलियों का,
हार बनाया,
मै तो श्याम ने सजाऊँगी,
मन भर के,
आजा आजा मेरे श्याम,
घोड़े पे चढ़के।।
तन केसरिया बागा सोहे,
बागा सोहे बागा सोहे,
मै तो श्याम ने पहँराऊगी,
मन भर के,
आजा आजा मेरे श्याम,
घोड़े पे चढ़के।।
खीर चूरमा पेड चढ़ाँऊ,
भोग लगाओ,
बाबा तनै जिमाँऊ,
जोत जगावे ‘हरीश’,
मन भर के,
आजा आजा मेरे श्याम,
घोड़े पे चढ़के।।
देखूँ तेरी बाट,
अटर चढ़के,
आजा आजा मेरे श्याम,
घोड़े पे चढ़के।।
– गायक एव प्रेषक –
हरीश मगन सैनी