यहाँ हालचाल जानन को कोई,
आएगा ना तेरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा,
यहाँ धोखा और छल कपट का,
चारो और लगा है मेला,
तू छोड़ दे मेरा मेरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा।।
तर्ज – जहाँ डाल डाल पर।
यहाँ तेरा अपना कोई नही है,
न कोई सँगी साथी,
यहाँ दौलत का सब खेल रचा है,
जो ना सँग है जाती,
जो ना सँग है जाती,
जग जा बन्दे फिर पछिताए,
बीत जाएगी बैरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा।।
मन मँदिर मे ज्योति जलाके,
हरि नाम गुण गाले,
भव सागर से तर जाए,
गुरू चरणो मे ध्यान लगाले,
गुरू चरणो मे ध्यान लगाले,
छूट जाएगा पल मे तेरा,
आवागमन का फैरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा।।
आजा शरण गुरू की मनवा,
चरणो की रज़ पाले,
अपने सूने घर को गुरू से,
रोशन तू करवाले,
रोशन तू करवाले,
गुरूद्वार पर आकर मनवा,
आज जमाले डेरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा।।
यहाँ हालचाल जानन को कोई,
आएगा ना तेरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा,
यहाँ धोखा और छल कपट का,
चारो और लगा है मेला,
तू छोड़ दे मेरा मेरा,
तू छोड़ दे मेरा मेरा।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923