ऐ मेरे सतगुरू,
दाता कर दो मैहर,
तेरी महिमा को,
सुन सुन के आया मै दर,
ऐ मेरें सतगुरू,
दाता कर दो मैहर।।
तर्ज – मै तेरे इश्क में।
शोक इतना है कि तूझसे दूर हूँ,
आ सकूँ न कि मै मजबूर हूँ,
क्या करूँ,हे प्रभू,
कुछ न आए नजर,
ऐ मेरें सतगुरू,
दाता कर दो मैहर।।
चला जाऊँ न तुमसे मिले बिन,
जिन्दगी के बचे दो चार दिन,
मै जिऊँ,कि मरूँ,
है न पल की खबर,
ऐ मेरें सतगुरू,
दाता कर दो मैहर।।
तेरी सेवा करूँ जिन्दगी भर,
मिले मुझको तेरी बँदगी ग़र,
ऐ मेरे, सतगुरू,
कर दया की नजर,
ऐ मेरें सतगुरू,
दाता कर दो मैहर।।
ऐ मेरे सतगुरू,
दाता कर दो मैहर,
तेरी महिमा को,
सुन सुन के आया मै दर,
ऐ मेरें सतगुरू,
दाता कर दो मैहर।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण जी वर्मा,
मोबा.न.8818932923
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