तेरी महिमा को न जानूँ मै,
बस यूँ ही चला आया हूँ,
न जानूँ मै ध्यान भजन,
तेरे द्वार चला आया हूँ।।
तर्ज – तेरे चेहरे मे वो जादू है।
तेरे चरणो मे मुक्ति,
दे दे तू मुझको शक्ति,
निशदिन करलूँ मै भक्ति,
प्रभू मुझको नाम लखादो,
देदो भक्ती का दान प्रभू,
तेरे द्वार चला आया हूँ,
तेरी महिमा को न जानूँ मै।।
मै हूँ जन्मो का भोगी,
कैसे बनूँगा मै योगी,
तेरी कृपा कब होगी,
प्रभू ज्ञान की ज्योति जला दो,
करदो घट उजियार प्रभू,
तेरे द्वार चला आया हूँ,
तेरी महिमा को न जानूँ मै।।
जिससे है तेरा नाता,
वो ही दर तेरे आता,
कोई खाली न जाता,
प्रभू मुझको दास बनालो,
करदो ये उपकार प्रभू,
तेरे द्वार चला आया हूँ,
तेरी महिमा को न जानूँ मै।।
तेरी महिमा को न जानूँ मै,
बस यूँ ही चला आया हूँ,
न जानूँ मै ध्यान भजन,
तेरे द्वार चला आया हूँ।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
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