बालाजी तेरे झंडे में,
मात सीया और राम बसं,
राधा के संग रास रचाते,
मुरली वाले श्याम बसं।।
एक कुण में ब्रह्मा विष्णु,
शंकर भोला वास करः,
बणखंडा में सबरी देखो,
राम मिलण की आस करः,
ऋषि मुनि उपवास करं,
जिमः देवी देवता तमाम बसं,
राधा के संग रास रचाते,
मुरली वाले श्याम बसं।।
दुजी कुण में गणपति लाला,
गौरा के संग वास करं,
चण्डी देवी समाधी आला,
ना भक्तां ने निराश करः,
प्रेत आत्मा का नाश करः,
जो घर ला कति जाम बसं,
राधा के संग रास रचाते,
मुरली वाले श्याम बसं।।
प्रेतराज और भैरव बाबा,
कौतवाल कप्तान यहां,
तीन पहाड़ प घाटे आला,
माँ काली का अस्थान यहां,
बड़े बड़े विद्वान यहां,
जो रटते तेरा नाम मिलं,
राधा के संग रास रचाते,
मुरली वाले श्याम बसं।।
गुरू ‘रामसिंह’ ‘कप्तान शर्मा’,
गाम समाल इस झंडे में,
ओमप्रकाश झुम झुम गावः,
करता कमाल इस झंडे में,
सौदा सिराणा इस झंडे में,
सारे जग के धाम बसं,
राधा के संग रास रचाते,
मुरली वाले श्याम बसं।।
बालाजी तेरे झंडे में,
मात सीया और राम बसं,
राधा के संग रास रचाते,
मुरली वाले श्याम बसं।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )