अँखियों में नमीं सी हो,
दिल बैठा हो हार के,
जब कुछ ना नज़र आये,
मुझे तू ही नज़र आये,
जब गम के अँधेरे हो,
बंद हो सारे रास्ते,
मुझे कुछ ना नज़र आये,
मुझे तू ही नज़र आये।।
तर्ज – अँखियों के झरोखों से।
एक तू ही मेरी आस है,
एक तू ही सहारा,
तेरे नाम से बाबा मेरा,
चलता है गुजारा,
एक तेरे भरोसे पे,
सब बैठा हूँ हार के,
उलझन मेरे जीवन की,
एक तू ही तो सुलझाये,
अँखियों में नमीं सी हो।।
इस जग में प्रभु आप सा,
दानी नहीं है,
तेरे प्रेमियों के प्रेम का,
कोई सानी नहीं है,
कोई प्रेमी तेरा मुझको,
देख के जब मुस्काए,
मुझे तू ही नज़र आये,
बस तू ही नज़र आये,
अँखियों में नमीं सी हो।।
कभी सोचता है दिल मेरा,
तूने क्या क्या दिया है,
जिस चीज के लायक नहीं,
तूने वो भी दिया है,
तू ऐसा दयालु है,
छूले पत्थर जो प्यार से,
फूल उसमे भी खिल जाए,
फूल उसमे भी खिल जाए,
अँखियों में नमीं सी हो।।
‘सोनू’ को मिले उम्र भर,
चरणों में ठिकाना,
तेरे नाम से जाने मुझे,
ये सारा जमाना,
तेरी सेवा में सांवरे,
जीवन ये गुजर जाए,
जब कुछ न नज़र आये,
बस तू ही नज़र आये
अँखियों में नमीं सी हो।।
अँखियों में नमीं सी हो,
दिल बैठा हो हार के,
जब कुछ ना नज़र आये,
मुझे तू ही नज़र आये,
जब गम के अँधेरे हो,
बंद हो सारे रास्ते,
मुझे कुछ ना नज़र आये,
मुझे तू ही नज़र आये।।
Singer : Sheetal Pandey