लूटा दिया भंडार खाटू वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।।
तर्ज – सड़के सड़के जांदिए मुटियारें ने।
जैसी जो भावना लाया,
वैसा ही फल वो पाया,
नही खाली उसे लौटाया,
वो मन ही मन हर्षाया,
कर दिया उसे निहाल खाटू वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।
लूटा दिया भंडार खाटु वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।।
जो लगन लगाया सच्ची,
है उसकी नाव ना अटकी,
बेड़े को पार लगाया,
नही देर करे वो पल की,
मिटा दिया जंजाल खाटू वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।
लूटा दिया भंडार खाटु वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।।
चरणों की किया जो सेवा,
वो पाया मिश्री मेवा,
जिसने है माँगा बेटा,
वो चाँद सा टुकड़ा पाया,
कर दिया फिर खुशहाल खाटू वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।
लूटा दिया भंडार खाटु वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।।
जिसने श्रृंगार सजाया,
वो श्याम का दर्शन पाया,
वो मन ही मन हर्षाया,
नैनो में रूप सजाया,
दिया है जनम सुधार खाटू वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।
लूटा दिया भंडार खाटु वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।।
लूटा दिया भंडार खाटू वाले ने,
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।।
Singer : Sanjay Mittal