तुम जो मेरे मन में,
बस जाओ साँई नाथ जी,
अपने चरणो मे जगह दो,
साँई नाथ जी।।
तर्ज – तुमको मेरे दिल ने।
अपनी भक्ति मुझे भी दो साँई,
मेरे मन मे समा जाओ साँई,
युग युग से ये ही तमन्ना मेरी,
अपने चरणो मे जगह दो,
साँई नाथ जी,
तुम जो मेरे मन मे,
बस जाओ साँई नाथ जी,
अपने चरणो मे जगह दो,
साँई नाथ जी।।
तुम्ही हो बाबा मेरे दिलवर,
तुम्ही हो बाबा मेरे ईश्वर,
रग रग मेरी साँई नाम जपे,
अपने चरणो मे जगह दो,
साँई नाथ जी,
तुम जो मेरे मन मे,
बस जाओ साँई नाथ जी,
अपने चरणो मे जगह दो,
साँई नाथ जी।।
नजरे देखे तो बस देखे तुमको,
और न कोई चाहत है मुझको,
अपना जलवा मुझको दिखादो साँई,
अपने चरणो मे जगह दो,
साँई नाथ जी,
तुम जो मेरे मन मे,
बस जाओ साँई नाथ जी,
अपने चरणो मे जगह दो,
साँई नाथ जी।।
तुम जो मेरे मन में,
बस जाओ साँई नाथ जी,
अपने चरणो मे जगह दो,
साँई नाथ जी।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
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