हम तेरे द्वार पे आए माँ,
सेवा के लिए,
हमको एक बार,
सेवा का मौका दे दे।।
तर्ज – हम तेरे शहर मे आए है।
तेरी कृपा ही है यह,
मुझको बुलाया तू ने,
अपने चरणो मे मुझे,
दी है जगह जो तू ने,
मइया भक्ती का तेरी,
मुझको भी मैवा दे दे,
हम तेरे द्वार पे आये माँ,
सेवा के लिए,
हमको एक बार,
सेवा का मौका दे दे।।
कहती है दुनिया यही,
महिमा न्यारी है तेरी,
मै यह कहता हूँ मगर,
बस तू ही माँ है मेरी,
मुझको एक बार मेरी माँ तू,
बैटा कहदे,
हम तेरे द्वार पे आये माँ,
सेवा के लिए,
हमको एक बार,
सेवा का मौका दे दे।।
सारी यह सृष्टी तेरी,
सुनले माँ अर्जी मेरी,
मुझपे हो जाए यदि,
दया की दृष्टी तेरी,
मुझको वरदान तेरी भक्ती का,
हे माँ दे दे,
हम तेरे द्वार पे आये माँ,
सेवा के लिए,
हमको एक बार,
सेवा का मौका दे दे।।
हम तेरे द्वार पे आए माँ,
सेवा के लिए,
हमको एक बार,
सेवा का मौका दे दे।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
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