गँगे माँ दया करदो,
हे मेरी मातारानी,
इस दास पे भी करदो,
थोड़ी सी मेहरबानी।।
तर्ज – बचपन की मोहब्बत को।
तुम जग तरणी हो माँ,
हो तुम भव तरणी माँ,
हो तुम सुख दायनी माँ,
तुम मँगल करणी माँ,
यह दुनिया गाती है,
मइया तेरी कहानी,
इस दास पे भी करदो,
थोड़ी सी मेहरबानी।।
जो तट तेरे आता है,
तेरे जल से नहाता है,
तेरी कृपा से माँ,
सब रोग मिटाता है,
तेरे दर पे जो आता है,
पावन हो जाता है,
तुझसा नही है कोई,
हे मेरी माँ भवानी,
इस दास पे भी करदो,
थोड़ी सी मेहरबानी।।
तुम बिन हर घर में माँ,
शुभ कार्य नही होता,
किस्मत वाला कोई,
सभी पाप यहाँ धोता,
तेरे तट पे हमेशा माँ,
मैला लगा होता है,
यहाँ पावन पर्वो पर,
एक उत्सव होता है,
तुम हो गँगे मइया,
इस देश की निशानी,
इस दास पे भी करदो,
थोड़ी सी मेहरबानी।।
गँगे माँ दया करदो,
हे मेरी मातारानी,
इस दास पे भी करदो,
थोड़ी सी मेहरबानी।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
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