गुरुजी माने अमर वणाया रे,
सुता था भर निंद में,
गुरु आप जगाया रे,
आप जगाया रे गुरुजी,
माने शब्द सुणाया रे,
मारा सतगुरु दिन दयाल,
गुरुजी माने अमर वणाया रे,
अमर वणाया रे गुरुजी,
माने अमर वणाया रे,
मारा सतगुरु दिन दयाल,
गुरुजी माने अमर वणाया रे।।
ले जाता जमड़ा गुरु माने,
आप छुड़ाया रे,
आप छुड़ाया रे,
गुरु मारा फंद कटाया रे,
मारा सतगुरु दिन दयाल,
गुरुजी माने अमर वणाया रे।।
भवसागर माई गुरुजी मारी,
नाव अटकोणी रे,
सतगुरु मारा वणीया खेवटिया,
पार लगाया रे,
मारा सतगुरु दिन दयाल,
गुरुजी माने अमर वणाया रे।।
काशीनाथ गुरु पुरा मिलिया,
भ्रम मिटाया रे,
वनानाथ सतगुरु चरणे,
हरि गुण गाया रे,
मारा सतगुरु दिन दयाल,
गुरुजी माने अमर वणाया रे।।
गुरुजी माने अमर वणाया रे,
सुता था भर निंद में,
गुरु आप जगाया रे,
आप जगाया रे गुरुजी,
माने शब्द सुणाया रे,
मारा सतगुरु दिन दयाल,
गुरुजी माने अमर वणाया रे,
अमर वणाया रे गुरुजी,
माने अमर वणाया रे,
मारा सतगुरु दिन दयाल,
गुरुजी माने अमर वणाया रे।।
बोलो श्री सतगुरुदेव की जय हो,
गायक – जेतपुरीजी महाराज नोहरा,
प्रेषक – देव राजपुरोहित नाथोणी जेरण