वायक आया ओ गुरुदेव रा,
दोहा – जमळा माई जावणो,
ने जागे रावळ माळ,
अरे रूपा गुरु सु अर्ज करे,
गुरु मारे सामी भाग।
संगत करनी संत री ने,
काई नुगरा सु काम,
ओजी नुगरा लें जावे नार री ने,
थाने संत मिलावे राम।
( हुकुम जी महाराज रूपा दे रा गुरूजी,
एक धारू रे घरे जमळा में पधारिया,
तो गुरु जी क्यों धारू थू रूपा दे रे वायक वी जा और,
आज रा जमळा में बुलाव रूपा दे ने जो आज री,
भक्ति रो अलग ही आनंद आवे ला)
ओजी वायक आया ओ गुरुदेव,
रा ए रूपा जमळे पधारो ऐ हा,
ए केम करेने गुरु आउ रे,
सुता रावळ जागे रे हा।।
( रावळ मणीदास जी रूपा दे रा पति)
ऐ नींद रा मंगावो हारा हेर रिए,
ढोलिये सांपड्ला पोड़ावो रे हा,
ऐ इतरो करेने रूपा हालिया रे,
आया रखियो रे दरबारा रे हा।।
ए सब रे संतो ने रामा राम जी रे,
मारा गुरूजी ने गणी खम्मा रे हा,
ऐ हाथ जोड़ेने रूपा बोलिया रे,
गुरू मारी मोजड़ि हेरोनी ऐ हा,
गुरु मारी मोजड़ियो हेरोनी ए हा।।
ए बतिया बुजाणो हारा हेर री रे,
सुता रावळ माळ जागा रे हा,
ऐ सोकळी हेरि ने सामी आविया रे,
राणी कवेळा हीळ जाता रे हा।।
हाथ जोडेन रूपा बोलिया रे,
आप रे फूल बीणवा ग्या था रे हा,
ए केवे रावळ रूपा सामळो रे,
राणी फूल कटा सु लाया रे हां।।
(राणी यी फूल कटु आया मने भी वो पंथड़लो बतादो)
ए पेली रे बाड़ी दर रे डुंगरे रे,
दुजी बैकुंठा रे माई रे हां,
ए तीजी वाड़ी रे सारा सेर मा रे,
चौथी स्वर्गा रे माई रे हां।।
ए पेला मारो रे मोबी डिकरो रे,
दूजो हंसा वाळो गोड़ो रे हां,
ए तीजो मारो रे गऊ रो बाछड़ो रे,
चौथी चंद्रावळ राणी रे हाँ।।
इतरो करेने होरा आवजो रे,
पसे थाणे पंथड़लो बताऊ रे हा,
ओजी वायक आया ओ गुरु देव,
राए रूपा जमळे पधारो ऐ हा।।
वायक आया ओ गुरुदेव रा,
ए रूपा जमळे पधारो ऐ हा,
ए केम करेने गुरु आउ रे,
सुता रावळ जागे रे हा।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – कुलदीप मेनारिया,
आलाखेड़ी 9799294907
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