सांस टूटे तू ना रूठे,
बस यही विनती करे,
दर तेरा ना छूटे बाबा,
दर तेरा ना छूटे बाबा,
और चाहत क्या करे,
साँस टूटे तू ना रूठे,
बस यही विनती करे।।
तर्ज – होश वालों को खबर क्या।
प्यार की दो बूंदे मांगी,
तूने सागर दे दिया,
जिसके लायक ना थी बाबा,
तूने इतना दे दिया,
फिर भला छोटे से गम की,
हम शिकायत क्या करे,
दर तेरा ना छूटे बाबा,
दर तेरा ना छूटे बाबा,
और चाहत क्या करे,
साँस टूटे तू ना रूठे,
बस यही विनती करे।।
एक तू ही पूरी करता,
दिल की हर एक आरजू,
मेरा माझी मेरा खिवैया,
मेरा सबकुछ एक तू,
फिर भला दर दर पे जाके,
हम इबादत क्या करे,
दर तेरा ना छूटे बाबा,
दर तेरा ना छूटे बाबा,
और चाहत क्या करे,
साँस टूटे तू ना रूठे,
बस यही विनती करे।।
निकले जब ये प्राण तन से,
मुख पे तेरा नाम हो,
गाते गाते भजन तुम्हारे,
इस जीवन की शाम हो,
इससे ज्यादा सेवक तेरा,
और माँगत क्या करे,
दर तेरा ना छूटे बाबा,
दर तेरा ना छूटे बाबा,
और चाहत क्या करे,
साँस टूटे तू ना रूठे,
बस यही विनती करे।।
सांस टूटे तू ना रूठे,
बस यही विनती करे,
दर तेरा ना छूटे बाबा,
दर तेरा ना छूटे बाबा,
और चाहत क्या करे,
साँस टूटे तू ना रूठे,
बस यही विनती करे।।
Singer : Reshmi Sharma