सूरत सलोनी श्याम की,
दिल में उतार लो,
अवसर मिला नसीब से,
जीवन संवार लो,
सुरत सलोनी श्याम की,
दिल में उतार लो।।
तर्ज – मिलती है जिंदगी में।
माना तुम्हारी नाँव,
किनारे पे है खड़ी,
तूफान का भरोसा क्या,
आ जाए किस घड़ी,
कैसे करेगा सामना,
कुछ तो विचार लो,
अवसर मिला नसीब से,
जीवन संवार लो,
सुरत सलोनी श्याम की,
दिल में उतार लो।।
जिसके भी दिल में श्याम की,
सूरत उतर गई,
उसको तो छोड़ सांवरा,
जाता कभी नहीं,
रहता है आस पास ही,
जब भी पुकार लो,
अवसर मिला नसीब से,
जीवन संवार लो,
सुरत सलोनी श्याम की,
दिल में उतार लो।।
आंखों से अपने श्याम की,
आंखों में झांक लो,
चुपचाप बैठ सामने,
आंखों से काम लो,
बरसेगा प्रेम की श्याम की,
आंखों से जान लो,
अवसर मिला नसीब से,
जीवन संवार लो,
सुरत सलोनी श्याम की,
दिल में उतार लो।।
बनके दीवाना श्याम के,
दामन को थाम लो,
भर देगा खुशियां सांवरा,
जीवन में जान लो,
‘नंदू’ निराले देव को,
अब भी निहार लो,
अवसर मिला नसीब से,
जीवन संवार लो,
सुरत सलोनी श्याम की,
दिल में उतार लो।।
सूरत सलोनी श्याम की,
दिल में उतार लो,
अवसर मिला नसीब से,
जीवन संवार लो,
सुरत सलोनी श्याम की,
दिल में उतार लो।।