धरगे गुरु मुरारी हाथ,
सुझण लागी अगत की बात,
सबके कष्ट मिटावः सः,
मन्नै सुणी स चोटी आले में,
बाबा आवः स।।
बाबा की दिखः स परछाई,
सच्ची अखण्ड जोत जगाई,
सच्चा ध्यान लगावः स,
मन्नै सुणी स चोटी आले में,
बाबा आवः स।।
कई कई घण्टे जाप करः स,
सिर सतगुरु हाथ धरः स,
मन का भरम मिटावः स,
मन्नै सुणी स चोटी आले में,
बाबा आवः स।।
छोटी सी पुलिया प धाम,
भक्ति होरी स निसकाम,
मन में मस्ती छावः स,
मन्नै सुणी स चोटी आले में,
बाबा आवः स।।
राजपाल भक्त स भोला,
इसमें झुठ नहीं स तोला,
दुनिया साथ निभावः स,
मन्नै सुणी स चोटी आले में,
बाबा आवः स।।
धरगे गुरु मुरारी हाथ,
सुझण लागी अगत की बात,
सबके कष्ट मिटावः सः,
मन्नै सुणी स चोटी आले में,
बाबा आवः स।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )
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