केसर वाली जोता या,
बिलाड़ा माई सोवणी,
अररर चालो रे,
बिलाड़ा आई धाम में।।
भादरवा री बीज रो,
आई जी रो मेलो लागेरे,
बीलाड़ा मे मन्दिर बणीयो,
सोवणो ओ लागेरे,
अररर चालो रे,
बिलाड़ा आई धाम में।।
आई माता रा दरशण करवा,
भक्त आवे जोर रा,
पाला सडीया आवे गाडी,
धजा लावे जोर री,
अररर चालो रे,
बिलाड़ा आई धाम में।।
अगीयारा गाठारो मईया,
डोरो थे बदायो जी,
नर ने नारी ने मईया,
धर्म बतायो जी,
जीणरी करो थे साय,
बेड़ो पार हो जासी।।
जीवण सा सीरवी मईया,
बिलाड़ा मे रेवता,
घर सो गरीब मईया,
अन कोने रेवतो,
माधू सा मिलाया रे,
बिलाड़ा आई धाम में।।
जगदीश प्रजापत मईया,
भजन बणावतो,
रामु रमेश हितेश ईदर,
सरणा मे आवता,
अररर गावे रे,
जगदीश सरणा मायने,
अररर गावे रे,
परमेशवरी सरणा मायने।।
केसर वाली जोता या,
बिलाड़ा माई सोवणी,
अररर चालो रे,
बिलाड़ा आई धाम में।।
– प्रेषक एवं गायक –
जगदीश प्रजापत
9701255880
Nice
Thanks