एक बार माँ आ जाओ,
फिर आ के चली जाना,
हमें दर्श दिखा जाओ,
दिखला के चली जाना,
एक बार माँ आ जाओं,
फिर आ के चली जाना।।
तुमको मेरे गीतों का,
संगीत बुलाए माँ,
संगीत बुलाए माँ,
कुछ मेरी सुन जाओ,
कुछ अपनी सुना जाना,
एक बार माँ आ जाओं,
फिर आ के चली जाना।।
क्या मेरे तड़पने का,
अहसास नहीं तुमको,
अहसास नहीं तुमको,
किस बात पे रूठी हो,
इतना तो बता जाना,
एक बार माँ आ जाओं,
फिर आ के चली जाना।।
अंखिया मेरी रोती माँ,
इन्हे धीर बंधा जाओ,
इन्हे धीर बंधा जाओ,
मजधार में है नैया,
इसे पार लगा जाना,
एक बार माँ आ जाओं,
फिर आ के चली जाना।।
जब जब भी बुलाओ माँ,
दौड़ा चला आऊँ मैं,
दौड़ा चला आऊँ मैं,
गर राह भटक जाऊं,
रस्ता तो दिखा जाना,
एक बार माँ आ जाओं,
फिर आ के चली जाना।।
एक बार माँ आ जाओ,
फिर आ के चली जाना,
हमें दर्श दिखा जाओ,
दिखला के चली जाना,
एक बार माँ आ जाओं,
फिर आ के चली जाना।।
स्वर – सौरभ मधुकर।
Jagdaba bawane maya