हमको तो बरसाने से प्यार है,
दर्शन को दिल बेकरार है।।
तर्ज – साजन मेरा उस पार।
मैं तो श्री बरसाने को जाउंगी,
चरणों में जीवन वहीँ बिताउंगी,
होगा ये मुझपे उपकार हैं,
दर्शन को दिल बेकरार है,
हमको तो बरसाने से प्यार हैं,
दर्शन को दिल बेकरार है।।
बरसाने की गलियों में घूमूंगी,
श्री जी के चरणों की रज चूमुंगी,
मुझको मिलेगा नंदकुमार हैं,
दर्शन को दिल बेकरार है,
हमको तो बरसाने से प्यार हैं,
दर्शन को दिल बेकरार है।।
‘चित्र विचित्र’ को अपनाओगी,
हमको भी बरसाना बसाओगी,
होगा ये सपना जब साकार है,
दर्शन को दिल बेकरार है,
हमको तो बरसाने से प्यार हैं,
दर्शन को दिल बेकरार है।।
हमको तो बरसाने से प्यार है,
दर्शन को दिल बेकरार है।।
स्वर – चित्र विचित्र जी महाराज।