सांवरियो गिरधारी रे,
आप बिना मोरी कोन खबर ले।।
मनजारी सुत दिया अग्न में,
करुणा करे कुमारी रे,
चार बरतन प्रभु कोरा राखिया,
खेलत सुत मन जारी रे,
तुम बिना मोरी कोन खबर ले,
सावरियो गिरधारी रे,
आप बिना मोरी कोन खबर ले।।
टीयू टीयु करती आई टीतोडी,
भारत रचियो भारी,
भारत में भंवरी रा इंडा,
सिर पर घंटा डारी,
तुम बिना मोरी कोन खबर ले,
सावरियो गिरधारी रे,
आप बिना मोरी कोन खबर ले।।
द्रोपदी चीर दुशासन खेचयो,
पांच पांडव घर नारी रेे,
खेचत चीर असंगज बढ़ियो,
लाज राखी बनवारी रे,
तुम बिना मोरी कोन खबर ले,
सावरियो गिरधारी रे,
आप बिना मोरी कोन खबर ले।।
इन्द्र कोप कियो ब्रज उपर,
बरसीयो मूसलधारी,
गोपी ग्वालों ने तार दिया प्रभु,
नख पर गिरवर धारी,
तुम बिना मोरी कोन खबर ले,
सावरियो गिरधारी रे,
आप बिना मोरी कोन खबर ले।।
गज और ग्राह लड़े जल भीतर,
लड़त लडत गज हारी रे,
रती एक सुंड रही जल बाहर,
हरि र नाम पुकारी रे,
तुम बिना मोरी कोन खबर ले,
सावरियो गिरधारी रे,
आप बिना मोरी कोन खबर ले।।
आगे भक्त अनेकों उभारे,
तारी गौतम नारी रे,
कहे नरसीलो सुन रे सावरा,
अबके बैल हमारी रे,
तुम बिना मोरी कोन खबर ले,
सावरियो गिरधारी रे,
आप बिना मोरी कोन खबर ले।।
सांवरियो गिरधारी रे,
आप बिना मोरी कोन खबर ले।।
गायक – श्री रामनिवास राव जी।
प्रेषक – जितेंद्र
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