मेरे हुजूर मुझे बेहिसाब प्यार करो,
गरीब दिल का कन्हैया जरा ख्याल करो,
मेरे हुजूर मुझे बेहिसाब प्यार करो।।
तर्ज – ना सर झुका के जियो।
तुम्हारे प्यार का प्यासा ये दिल हमारा हैं,
मेरी टूटी हुई नैया का तू किनारा हैं,
मुरीद मैं तेरा मुझपे दया निसार करो,
मेरे हुजूर मुझे बेहिसाब प्यार करों,
गरीब दिल का कन्हैया जरा ख्याल करो,
मेरे हुजूर मुझे बेहिसाब प्यार करो।।
हजारों दोष हैं जिनका कोई हिसाब नहीं,
बिखरता पन्ना हूँ मैं तो कोई किताब नहीं,
मुझे समेट कर भगवन मेरा उद्धार करो,
मेरे हुजूर मुझे बेहिसाब प्यार करों,
गरीब दिल का कन्हैया जरा ख्याल करो,
मेरे हुजूर मुझे बेहिसाब प्यार करो।।
मेरे हबीब क्या तुमने भी रिश्ता तोड़ दिया,
बहकती आग में ‘नंदू’ अकेला छोड़ दिया,
तुम अपने प्यार की मुझपे प्रभु फुहार करो,
मेरे हुजूर मुझे बेहिसाब प्यार करों,
गरीब दिल का कन्हैया जरा ख्याल करो,
मेरे हुजूर मुझे बेहिसाब प्यार करो।।
मेरे हुजूर मुझे बेहिसाब प्यार करो,
गरीब दिल का कन्हैया जरा ख्याल करो,
मेरे हुजूर मुझे बेहिसाब प्यार करो।।