आया मैं पैदल आया,
तेरे दर्शन को आया,
दर्शन तो दे दो मेरे नाथ,
सेठ सांवरिया तेरे द्वार,
आया मै पैदल आया,
तेरे दर्शन को आया।।
तर्ज – कजरा मोहब्बत वाला।
मण्डफिया नगरी में सांवरा,
थारो दरबार है,
मंदिर तो बण्यो सुहाणो,
दर्शन रो ठाठ है,
सांवरा जी दर्शन दीजो,
भक्ता रा दुख हर लीजो,
रानीखेड़ा में मारो वास,
सेठ सांवरिया तेरे द्वार,
आया मै पैदल आया,
तेरे दर्शन को आया।।
मैं तो साँवरिया तेरे,
दर्शन को आया हूँ,
गाड़ी औऱ घोड़ा छोड़ा,
पैदल ही आया हूँ,
रस्ते में कीर्तन करता,
थारो ही नाम लेता,
मैं तो आया हूँ थारे पास,
सेठ सांवरिया तेरे द्वार,
आया मै पैदल आया,
तेरे दर्शन को आया।।
चौदस अमावस को थारे,
लागे है भीड़ भारी,
झुलनी ग्यारस को रेवे,
मेला की छठा निराली,
पैदल आवे नर नारी,
जाणे या दुनिया सारी,
तुम तो हो सबके करतार,
सेठ सांवरिया तेरे द्वार,
आया मै पैदल आया,
तेरे दर्शन को आया।।
राजू यो भजन बणायो,
शम्भू ने साथ निभाया,
सबने थारो गुण गायो,
मारो तो मन हर्षायो,
ग्यारस मण्डल में आकर,
रामु का साथ पाकर,
गुण तो गांउंगा बार- बार,
सेठ सांवरिया तेरे द्वार,
आया मै पैदल आया,
तेरे दर्शन को आया।।
आया मैं पैदल आया,
तेरे दर्शन को आया,
दर्शन तो दे दो मेरे नाथ,
सेठ सांवरिया तेरे द्वार,
आया मै पैदल आया,
तेरे दर्शन को आया।।
प्रेषक – राजेन्द्र कुमार भूतड़ा
9784750188
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