क्या दे सकता हूँ मैं तुमको,
क्या है मेरे पास,
प्रेम करो स्वीकार ओ बाबा,
प्रेम करो स्वीकार।।
तर्ज – चांदी जैसा रंग है तेरा।
तुम हो जग के स्वामी बाबा,
तुम ही अंतर्यामी,
तुमसे ही चलती ये दुनिया,
तुमसे ही जिंदगानी,
सारे जग में तुमसे बाबा,
और ना कोई दानी,
साँसों के ये तार जुड़े है, – २,
तुमसे ही सरकार,
प्रेम करों स्वीकार ओ बाबा,
प्रेम करो स्वीकार।।
कण कण में है वास तुम्हारा,
सब है तुम्हारी माया,
तेरी ही कृपा से बाबा,
मैं काबिल बन पाया,
अपना मान के तूने बाबा,
हरपल प्यार लुटाया,
तुमसे ही चलता है बाबा, – २,
मेरा घर परिवार,
प्रेम करो स्वीकार ओ बाबा,
प्रेम करो स्वीकार।।
है बस दौलत प्रेम की बाबा,
जिसको तुझपे वारे,
सुनते है तुम प्रेम की खातिर,
अपना सबकुछ हारे,
सच्चाई ये ही है जग में,
तुम हारे के सहारे,
तुमसे ही चलती ये कश्ती, – २,
तुमसे ही आधार,
प्रेम करों स्वीकार ओ बाबा,
प्रेम करो स्वीकार।।
ना कोई कमी रहे इस दिल में,
इतना भाव जगा दो,
भाव भजन ही भोग तुम्हारे,
दुनिया को बतला दो,
प्रीत की बातें सारे जग को,
श्याम प्रभु समझा दो,
प्रेम की भाषा पढने खातिर, – २,
‘निखिल’ रहो तैयार,
प्रेम करों स्वीकार ओ बाबा,
प्रेम करो स्वीकार।।
क्या दे सकता हूँ मैं तुमको,
क्या है मेरे पास,
प्रेम करों स्वीकार ओ बाबा,
प्रेम करो स्वीकार।।
Singer – Vijay Garg