चले आओ बजरंग राम पुकारे,
लखन भाई के,
लखन भाई के प्राण बचाने,
चले आओ बजरंग राम पुकारे।।
तर्ज – भटकता डोले काहे प्राणी।
बहे अँखियों से असुवन धारे,
बहे अँखियों से असुवन धारे,
संजीवन बूटी,
संजीवन बूटी ले के आओ,
बिगड़ी मेरी हनुमत आज बना रे,
चले आओ बजरंग राम पुकारे।।
ना देर लगाओ हनुमत प्यारे,
ना देर लगाओ हनुमत प्यारे,
मैं तुझ पर बाँधी,
मैं तुझ पर बाँधी आशा सारी,
धीरज तो बंधाओ पवन दुलारे,
चले आओ बजरंग राम पुकारे।।
टूटे मेरे सारे आज सहारे,
टूटे मेरे सारे आज सहारे,
रोए मेरे नैना,
रोए मेरे नैना मन है व्याकुल,
राम तेरे बन गए है दुखियारे,
चले आओ बजरंग राम पुकारे।।
तूने मेरे सारे काज सँवारे,
तूने मेरे सारे काज सँवारे,
जाऊंगा मैं कैसे,
जाऊंगा मैं कैसे लौट अवध को,
मैया मेरी मुझको ताने मारे,
चले आओ बजरंग राम पुकारे।।
चले आओ बजरंग राम पुकारे,
लखन भाई के,
लखन भाई के प्राण बचाने,
चले आओ बजरंग राम पुकारे।।
स्वर – अंजलि जैन।