मैं खुश किस्मत हूँ कितना,
माँ बाप है मेरे साथ,
सिर पर मेरे है सदा,
मात पिता का हाथ,
सिर पर मेरे है सदा,
मात पिता का हाथ।।
मंदिर मंदिर जा करके,
भगवान से और मैं क्या मांगू,
यही मात पिता मिले जनम जनम,
भगवान से बस मैं ये मांगू,
यही करते रहे जीवन में,
यही करते रहे जीवन में,
मेरे किरपा की बरसात,
सिर पर मेरे है सदा,
मात पिता का हाथ,
सिर पर मेरे है सदा,
मात पिता का हाथ।।
कोठी बंगला घोडा गाडी,
सोना चांदी मिल जाएंगे,
चाहे खर्च करो सारी दौलत,
माँ बाप न मिलने पाएंगे,
मैं मात पिता की सेवा,
मैं मात पिता की सेवा,
करता जाऊँ दिन रात,
सिर पर मेरे है सदा,
मात पिता का हाथ,
सिर पर मेरे है सदा,
मात पिता का हाथ।।
उंगली पकड़ कर मेरी तो,
मुझको चलना सिखलाया है,
मेरे मात पिता ने जीवन का,
हर भेद मुझे बतलाया है,
किया जीवन में उजियाला,
किया जीवन में उजियाला,
काटी दुखो की रात,
सिर पर मेरे है सदा,
मात पिता का हाथ,
सिर पर मेरे है सदा,
मात पिता का हाथ।।
मैं खुश किस्मत हूँ कितना,
माँ बाप है मेरे साथ,
सिर पर मेरे है सदा,
मात पिता का हाथ,
सिर पर मेरे है सदा,
मात पिता का हाथ।।
स्वर – राकेश काला जी।