मिलता है सच्चा सुख केवल,
श्री मात पिता के चरणों में,
यही विनती है रहूं जनम जनम,
मैं मात पिता के चरणों में,
मिलता हैं सच्चा सुख केवल,
श्री मात पिता के चरणों में।।
तर्ज – मिलता है सच्चा सुख केवल।
धरती पर देवो को पूजा,
पूजा जप तप करवाया है,
तब जाकर मानव रूप में तो,
मैंने माँ बाप को पाया है,
सारे तीरथ करने का फल,
श्री मात पिता के चरणों में,
मिलता हैं सच्चा सुख केवल,
श्री मात पिता के चरणों में।।
भूखे खुद चाहे सोते है,
तुझको भूखा ना सुलाया है,
अपने हिस्से का खाना भी,
तुझे मात पिता ने खिलाया है,
धरती पर ही जो स्वर्ग मिले,
यही मात पिता के चरणों में,
मिलता हैं सच्चा सुख केवल,
श्री मात पिता के चरणों में।।
किस्मत वाले वो होते है,
जिनपे माँ बाप का साया है,
वो धन्य हो जाती संताने,
माँ बाप का प्यार जो पाया है,
सच्ची पूजा और सच्ची लगन,
श्री मात पिता के चरणों में,
मिलता हैं सच्चा सुख केवल,
श्री मात पिता के चरणों में।।
मिलता है सच्चा सुख केवल,
श्री मात पिता के चरणों में,
यही विनती है रहूं जनम जनम,
मैं मात पिता के चरणों में,
मिलता हैं सच्चा सुख केवल,
श्री मात पिता के चरणों में।।
स्वर – राकेश काला।