मत दीजो टाळो गुरूजी,
दोहा – नाम जपु गुरुदेव को,
पार ब्रह्म परमात,
बार-बार विनती करू,
गुरु कृपा कीजिए आप।
गुरु मूर्ति मुख चंद्रमा,
सेवत नयन चकोर,
अष्ट प्रहर निखत रहूं,
मेरे गुरु चरणन की ओर।
मत दीजो टाळो गुरूजी,
मत दीजो टाळो,
सतगुरु आन पड्यो चरना में,
गुरु जी माने मत दीजो टाळो।।
जुगां जुगां से आज आपकी,
जुग लागे थारो 2,
भाई बंधु मारो कुटुंब कबीलों,
मतलब को यारों,
सतगुरु आन पड्यो चरना में,
गुरु जी माने मत दीजो टाळो।।
काम क्रोध मद लोभ सतावे,
छोटे नहीं यारों 2,
पांच चोर नगरी में बढ़ गया,
लूट लिया सारो,
सतगुरु आन पड्यो चरना में,
गुरु जी माने मत दीजो टाळो।।
सतगुरु गोविंद वेद पुकारे,
मांच रियो गारो 2,
राजा रंक फकीर बादशाह,
यो जीवन सारो,
सतगुरु आन पड्यो चरना में,
गुरु जी माने मत दीजो टाळो।।
श्रवण नाथ गुरुजी मिलिया,
तोड्या भ्रम सारो 2,
के हरनाथ सुनो भाई साधु,
दुध दियो बाळो,
सतगुरु आन पड्यो चरना में,
गुरु जी माने मत दीजो टाळो।।
मत दीजो टाळो गुरूजी,
मत दीजो टाळो,
सतगुरु आन पड्यो चरना में,
गुरु जी माने मत दीजो टाळो।।
प्रेषक – महावीर दादोली
9571693202