आन बसु मैं भी बाबा,
तेरे खाटू धाम में,
काश मेरा घर हो बाबा,
तेरे खाटू धाम में।।
खाटू की भूमि है पावन,
बाबा की राजधानी,
इस भूमि के कण कण में,
बसता शीश का दानी,
हर कोई आना चाहे बाबा,
हर कोई आना चाहे बाबा,
तेरे खाटू गांव में,
काश मेरा घर हों बाबा,
तेरे खाटू धाम में।।
मंदिर की घण्टी से मेरे,
दिन की हो शुरुआत,
सुबह शाम दिन रात हो,
श्याम नाम बरसात,
घर मेरा बन जाए बाबा,
घर मेरा बन जाए बाबा,
मंदिर के ही पास में,
काश मेरा घर हों बाबा,
तेरे खाटू धाम में।।
आस मेरी पूरी कर दो,
कर दो ये अहसान,
चरणों में तेरे जगह मिले,
करूँ ना मैं अभिमान,
बस जाए ‘गोपाल’भी बाबा,
बस जाए ‘गोपाल’भी बाबा,
आके खाटू धाम में,
काश मेरा घर हों बाबा,
तेरे खाटू धाम में।।
आन बसु मैं भी बाबा,
तेरे खाटू धाम में,
काश मेरा घर हो बाबा,
तेरे खाटू धाम में।।
स्वर – ट्विंकल शर्मा।
– लेखक एवं प्रेषक –
गोपाल जी गोयल (9811845745)