तेरी शरण में आया दीवाना,
कर लो ना स्वीकार,
कन्हैया लेकर असुवन धार,
कन्हैया लेकर असुवन धार।।
तर्ज – कन्हैया ले चल परली पार।
मैं तो हूँ एक दिन अनाथा,
तुम तो हो दुनिया के विधाता,
मेरा भी प्रभु भाग्य जगा दो,
मेरा भी प्रभु भाग्य जगा दो,
मानूंगी उपकार,
कन्हैया लेकर असुवन धार,
कन्हैया लेकर असुवन धार।।
आँसू हो आँखों का गहना,
चाहे बस चरणों में रहना,
आँसू ही दौलत है हमारी,
आँसू ही दौलत है हमारी,
सांवलिया सरकार,
कन्हैया लेकर असुवन धार,
कन्हैया लेकर असुवन धार।।
हारे के साथी कहलाते,
‘मोहित’ भगत के लाज बचाते,
जनम मरण से दे दो मुक्ति,
जनम मरण से दे दो मुक्ति,
कर दो न उद्धार,
कन्हैया लेकर असुवन धार,
कन्हैया लेकर असुवन धार।।
तेरी शरण में आया दीवाना,
कर लो ना स्वीकार,
कन्हैया लेकर असुवन धार,
कन्हैया लेकर असुवन धार।।
स्वर – अंजना आर्या।