जबसे मुझे ये तेरा दरबार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है,
नजरो को जबसे तेरा दीदार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है।।
तर्ज – दिल जाने जिगर तुझपे।
इतना सा साथ ज़िंदगी का फ़साना,
ना कोई मंजिल थी ना था ठिकाना,
दर आया जबसे लगता है तबसे,
दर आया जबसे लगता है तबसे,
बेघर को जैसे घर बार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है।।
तुम बिन थी ये ज़िंदगी खाली खाली,
बे-नूर थी मेरी होली दिवाली,
तुमको पाया तो जीना आया,
तुमको पाया तो जीना आया,
बेचैन दिल को करार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है।।
दुनिया के रिश्तो में खुशियों को खोजा,
फिर भी ना हल्का हुआ गम का बोझा,
तेरी शरण में तेरे भजन में,
तेरी शरण में तेरे भजन में,
‘सोनू’ को जीवन का सार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है।।
जबसे मुझे ये तेरा दरबार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है,
नजरो को जबसे तेरा दीदार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है,
प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है।।
स्वर – रेशमी जी शर्मा।
प्रेषक – कोमल जी छाबडा।