चोरी करतो डोले,
श्याम मोते सूधो ना बोले,
सूधो ना बोले मोते सूधो ना बोले,
सूधो ना बोले मोते सूधो ना बोले,
चोरी करतो डोलें,
श्याम मोते सूधो ना बोले।।
जब ही देख ले सुनी बाखर,
घर की सांकर खोलें,
श्याम मोते सूधो न बोले,
सूधो ना बोले मोते सूधो ना बोले,
चोरी करतो डोलें,
श्याम मोते सूधो ना बोले।।
ग्वाल बाल ले घर में आवे,
माखन माट टटोलै,
श्याम मोते सूधो न बोले,
सूधो ना बोले मोते सूधो ना बोले,
चोरी करतो डोलें,
श्याम मोते सूधो ना बोले।।
दधि मेरो खाय मटुकिया फोरै,
रस में बिष कूं घोरै,
श्याम मोते सूधो न बोले,
सूधो ना बोले मोते सूधो ना बोले,
चोरी करतो डोलें,
श्याम मोते सूधो ना बोले।।
जो मै पकरन याकूं भागी,
बैया पकर झकझोरै,
श्याम मोते सूधो न बोले,
सूधो ना बोले मोते सूधो ना बोले,
चोरी करतो डोलें,
श्याम मोते सूधो ना बोले।।
छोडूं गांव तेरो बृजरानी,
तुमते सांची बोलैं,
श्याम मोते सूधो न बोले,
सूधो ना बोले मोते सूधो ना बोले,
चोरी करतो डोलें,
श्याम मोते सूधो ना बोले।।
नारायण नटखट नंदनन्दन,
कहा जाने प्रीत की मोलै,
श्याम मोते सूधो न बोले,
सूधो ना बोले मोते सूधो ना बोले,
चोरी करतो डोलें,
श्याम मोते सूधो ना बोले।।
चोरी करतो डोले,
श्याम मोते सूधो ना बोले,
सूधो ना बोले मोते सूधो ना बोले,
सूधो ना बोले मोते सूधो ना बोले,
चोरी करतो डोलें,
श्याम मोते सूधो ना बोले।।
– गायक एवं प्रेषक –
Shri Naval kishor Dwivedi
+1919990664248