मैं तो खाटू वाले का,
दिल से गुलाम हो गया,
इनके करम से मेरा,
इनके करम से मेरा,
दुनिया में नाम हो गया,
मैं तो खाटु वाले का,
दिल से गुलाम हो गया।।
क्या सच्चे सरकार है श्याम,
दुखियों के गमखार है श्याम,
खाली झोली भरते हैं,
सब पे करम वो करते हैं,
जब भी पुकारा मैंने,
जब भी पुकारा मैंने,
पल में इंतजाम हो गया,
मैं तो खाटु वाले का,
दिल से गुलाम हो गया।।
रहमत दर से बरसती है,
दुनिया दरश को तरसती है,
मारा मारा फिरता था,
गिरता कभी संभलता था,
इनकी शरण में आकर,
इनकी शरण में आकर,
हर एक काम हो गया,
मैं तो खाटु वाले का,
दिल से गुलाम हो गया।।
खाटू नगरिया प्यारी है,
स्वर्ग से सुंदर न्यारी है,
हर ग्यारस पर जाता हूँ,
मस्त मलंग हो जाता हूँ,
चरणों में श्याम जी के,
चरणों में श्याम जी के,
मेरा भी प्रणाम हो गया,
मैं तो खाटु वाले का,
दिल से गुलाम हो गया।।
मैं तो खाटू वाले का,
दिल से गुलाम हो गया,
इनके करम से मेरा,
इनके करम से मेरा,
दुनिया में नाम हो गया,
मैं तो खाटु वाले का,
दिल से गुलाम हो गया।।
स्वर – पवन चौहान।