खाटू के श्याम बाबा,
दर है तेरा निराला,
तेरी अनोखी झांकी,
तेरी अनोखी झांकी,
जलवा तेरा निराला,
खाटु के श्याम बाबा,
दर है तेरा निराला।।
तर्ज – तुझे भूलना तो चाहा।
आया हूँ दर पे तेरे,
बिगड़ी मेरी बना दी,
कैसी है प्रीत तेरी,
मुझको जरा बता दे,
तेरे बगैर मोहन,
तेरे बगैर मोहन,
कोई नही हमारा,
खाटु के श्याम बाबा,
दर है तेरा निराला।।
कब से पुकारते है,
मुरली मधुर सुना दे,
अँखियाँ तरस रही है,
दर्शन जरा दिखा दे,
विश्वास ले के दिल में,
विश्वास ले के दिल में,
हमने तुम्हे पुकारा,
खाटु के श्याम बाबा,
दर है तेरा निराला।।
गुण दोष जो भी मेरे,
तुमसे कहाँ छुपाऊँ,
निर्बल के बल तुम्ही हो,
बीती मेरी सुनाऊं,
विपदा मेरी निवारो,
विपदा मेरी निवारो,
‘अन्नू’ का तू सहारा,
खाटु के श्याम बाबा,
दर है तेरा निराला।।
खाटू के श्याम बाबा,
दर है तेरा निराला,
तेरी अनोखी झांकी,
तेरी अनोखी झांकी,
जलवा तेरा निराला,
खाटु के श्याम बाबा,
दर है तेरा निराला।।
स्वर – बुलबुल अग्रवाल।