खाटू वालों श्याम म्हारे,
रग रग में समायो रे,
चिर कालजो देख ले तो,
मनडे ने भायो रे।।
जदसे खाटू वाले से,
पिचान हो गी म्हारी जी,
तबसे जान गई है,
म्हाने देखो दुनिया सारी जी,
पा के तने जीने को,
आनंद घणो आयो रे,
चिर कालजो देख ले तो,
मनडे ने भायो रे।
खाटु वालों श्याम म्हारे,
रग रग में समायो रे,
चिर कालजो देख ले तो,
मनडे ने भायो रे।।
जान से ज्यादा प्यारी,
थारी म्हारी यारी जी,
थारे ऊपर सांवरा या,
जिंदगी भी वारि जी,
जो भी मांगो थासो मिल्यो,
म्हाने मन चायो रे,
चिर कालजो देख ले तो,
मनडे ने भायो रे।
खाटु वालों श्याम म्हारे,
रग रग में समायो रे,
चिर कालजो देख ले तो,
मनडे ने भायो रे।।
जदसे श्याम सुन ली,
म्हारे मनड़े री बात जी,
तदसे हो गया सांवरिया,
म्हारा ठाट बाट जी,
श्याम केवे सातो सुख,
शरण में पाग्यो रे,
चिर कालजो देख ले तो,
मनडे ने भायो रे।
खाटु वालों श्याम म्हारे,
रग रग में समायो रे,
चिर कालजो देख ले तो,
मनडे ने भायो रे।।
खाटू वालों श्याम म्हारे,
रग रग में समायो रे,
चिर कालजो देख ले तो,
मनडे ने भायो रे।।
स्वर – रेशमी शर्मा।