जो भी मेरे श्याम का दीवाना है,
उसके पीछे ये जमाना है,
जो भी मेरे श्याम का दिवाना है,
उसके पीछे ये जमाना है।।
तर्ज – धीरे धीरे प्यार को बढ़ाना है।
हर खुशी में उनके है,
रंजो गम में उनके है,
हर कदम पे साँवरे के,
मिलते है निशान,
उस दिये की बाती है,
जन्मो का ये साथी है
इसके रहते कोई कैसे,
होगा परेशान,
गाये जो श्याम का फसाना है,
उसके पीछे ये जमाना है,
जो भी मेरे श्याम का दिवाना है,
उसके पीछे ये जमाना है।।
बागवा उस गुलशन का,
अक्स है उस दर्पण का,
प्यार से जो लेता मेरे,
सांवरे का नाम,
तोड़ता ना बंधन है,
रहता उसके संग संग है,
हारे को जीता कर के,
देता ये इनाम,
काम जिसका इसे रिझाना है,
उसके पीछे ये जमाना है,
जो भी मेरे श्याम का दिवाना है,
उसके पीछे ये जमाना है।।
चारो तरफ खुशहाली,
रोज होली दिवाली,
श्याम दीवानो के लिए,
आम बात है,
बाल ना बांका होवे,
खूंटी तान के सोवे,
उसके सर पे सांवरे,
का रहता हाथ है,
‘श्याम’ कहे जिससे भी याराना है,
उसके पीछे ये जमाना है,
जो भी मेरे श्याम का दिवाना है,
उसके पीछे ये जमाना है।।
जो भी मेरे श्याम का दीवाना है,
उसके पीछे ये जमाना है,
जो भी मेरे श्याम का दिवाना है,
उसके पीछे ये जमाना है।।
स्वर – रवि बेरीवाल जी।
प्रेषक – मधु गुप्ता।