हम तुमको क्या दे सकते है,
तू सबका दातार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार।।
तर्ज – चांदी जैसा रंग है तेरा।
तेरा दिया ही खाते है हम,
तेरा दिया ही पीते,
तेरे भरोसे ही दुनिया में,
ख़ुशी ख़ुशी हम जीते,
तेरी कृपा के धागों से हम,
जख्मों को है सीते,
मुश्किल में है दौड़ के आता,
मुश्किल में है दौड़ के आता,
तू लीले असवार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार।।
जिसकी नैया तेरे भरोसे,
खाती ना हिचकोले,
तेरा प्रेमी बनकर जग में,
दीवाना बन डोले,
मिलने वालों से दीवाना,
जय श्री श्याम ही बोले,
तेरी ज्योत से रोशन होता,
तेरी ज्योत से रोशन होता,
भक्तो का घरबार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार।।
हमको जबसे मिला सहारा,
मस्ती ही मस्ती है,
तुझसे है पहचान हमारी,
तुझसे ही हस्ती है,
‘चोखानी’ के दिल में तेरी,
सूरत ही बसती है,
‘गौतम’ को मुंह माँगा दिया है,
‘गौतम’ को मुंह माँगा दिया है,
तुमने लखदातार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार।।
हम तुमको क्या दे सकते है,
तू सबका दातार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार,
जो भी तेरी शरण में आया,
तू ही पालनहार।।
स्वर – गौतम जी राठौर।