सुनले ओ खाटू वाले,
दुनिया के है सताए,
सबने रुलाया मुझको,
सबने रुलाया मुझको,
एक तू ही तो हसाए,
सुनले ओ खाटु वाले,
दुनिया के है सताए।।
तर्ज – तुझे भूलना तो चाहा।
जीवन की तकलीफो में,
कोई ना काम आया,
समझा था जिसको भी अपना,
वो ही देख मुस्कुराया,
रिश्तो के रास्ते भी,
रिश्तो के रास्ते भी,
थे मुझको बंद पाये,
सुनले ओ खाटु वाले,
दुनिया के है सताए।।
तेरी दया से मोहन,
सुधरा है मेरा जीवन,
अमावस सी काली रात को,
तूने किया है रोशन,
इस नभ के चाँद तारे,
इस नभ के चाँद तारे,
तुमसे ही जगमगाये,
सुनले ओ खाटु वाले,
दुनिया के है सताए।।
हारे हुए का तुम हो,
कलयुग में इक सहारा,
जिसने किया भरोसा,
जिसने तुझे पुकारा,
‘राजू’ सदा ही ऐसे,
‘राजू’ सदा ही ऐसे,
गुणगान तेरा गाये,
सुनले ओ खाटु वाले,
दुनिया के है सताए।।
सुनले ओ खाटू वाले,
दुनिया के है सताए,
सबने रुलाया मुझको,
सबने रुलाया मुझको,
एक तू ही तो हसाए,
सुनले ओ खाटु वाले,
दुनिया के है सताए।।
स्वर – नम्रता जी करवा।