लाल ध्वजा हाथों में लेके,
अयोध्या नगरी जाएंगे,
कसम है मेरे राम की,
हम मंदिर वहीँ बनाएँगे,
कसम है मेरे राम की,
हम मंदिर वहीँ बनाएँगे।।
माथे पर देखो तिलक लगा के,
चली है शिव सेना,
आर एस एस के मेरे भाई,
इनका क्या कहना,
राम ने चाहा अगले बरस हम,
राम ने चाहा अगले बरस,
दिवाली वहीँ मनाएँगे,
कसम है मेरे राम की,
हम मंदिर वहीँ बनाएँगे।।
तुम भी चलोगे हम भी चलेंगे,
चलेंगे सीना तान,
किसी का हमको भय नही है,
साथ में है हनुमान,
जय जय जय श्री राम का,
जय जय जय श्री राम का,
जयकारा साथ लगाएँगे,
कसम है मेरे राम की,
हम मंदिर वहीँ बनाएँगे।।
राम की भूमि राम का मंदिर,
मैं भी हूँ श्री राम का,
मेरे राम को जो ना भजे वो,
नही है हिंदुस्तान का,
जो मंदिर बनने से रोके,
जो मंदिर बनने से रोके,
उसको मार भगाएँगे,
कसम है मेरे राम की,
हम मंदिर वहीँ बनाएँगे।।
राम लखन सिया जानकी,
जय बोलो हनुमान की,
बात ये मैंने ठान ली,
मैं बेटी परशुराम की,
‘पूजा शंकर’ साथ में ‘दीप्ती’
सबका साथ निभाएँगे,
कसम है मेरे राम की,
हम मंदिर वहीँ बनाएँगे।।
लाल ध्वजा हाथों में लेके,
अयोध्या नगरी जाएंगे,
कसम है मेरे राम की,
हम मंदिर वहीँ बनाएँगे,
कसम है मेरे राम की,
हम मंदिर वहीँ बनाएँगे।।
स्वर – दीप्ती गौड़।
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