मन्नै पाटे लत्ते देख संतरी,
निर्धन का मान घटाया स,
जाके कह दो कृष्ण तं,
तेरा यार सुदामा आया स।।
मैं सुँ अणखी एक ब्रहाम्ण,
ना चाहुँ खाणा,
मिश्राणी की जिद में पड़गया,
घर त पैर उठाणा,
बेसक घर में टोटा हिरदा,
प्यार का भर क लाया स,
जा क कह दो कृष्ण तं,
तेरा यार सुदामा आया स।।
मन्नै भिखारी ना बोलः तुँ,
कर थोड़ा सा सत्कार मेरा,
उसने बैरा पाटः गा जब,
छौ में होवे यार मेरा,
जाणु सुँ मैं आछी ढाला,
बचपन साथ बिताया स,
जा क कह दो कृष्ण तं,
तेरा यार सुदामा आया स।।
मैं जाणुं इस भेष में मेरा,
ठीक नहीं था आणा,
गोकुल का वो राजा स,
पर मेरा यार पुराणा,
माणस की के पार बसावः,
भक्त ने नाच नचाया स,
जा क कह दो कृष्ण तं,
तेरा यार सुदामा आया स।।
राम रमीरी कर ल्युं थोड़ी,
भीतर जा बतादे न,
मेरा आणा सफल होवः, मन्नै,
मेरा यार मिलादे न,
आर.के गौरा खेड़ी प,
संतां की छतर छाया स,
जा क कह दो कृष्ण तं,
तेरा यार सुदामा आया स।।
मन्नै पाटे लत्ते देख संतरी,
निर्धन का मान घटाया स,
जाके कह दो कृष्ण तं,
तेरा यार सुदामा आया स।।
– प्रेषक –
राकेश कुमार खरक जाटान(रोहतक)
9992976579