तू मेरा हो गया देखते देखते,
दोहा – जुदाई का कोई अहसास,
अब जिन्दा नही लगता,
तुम्हे मैं भूल जाऊंगा,
मुझे ऐसा नही लगता।
किसी से बात करना,
बोलना अच्छा नही लगता,
तुम्हे देखा है जबसे,
दूसरा अच्छा नही लगता।
तू तो आँखों से एक पल ना ओझल हुआ,
तू मेरा हो गया देखते देखते,
देखते ही तेरी प्यारी चितवन प्रभु,
दिल फ़िदा हो गया देखते देखते,
तू तो आँखों से एक पल ना ओझल हुआ,
तू मेरा हों गया देखते देखते।।
तर्ज – देखते देखते।
जिन्दगी में बहुत मुश्किलें थी मगर,
मीट गई हर गिला देखते देखते,
हुए रोशन मेरे रात दिन और सभी,
ऐसा दीपक जला देखते देखते,
तू तो आँखों से एक पल ना ओझल हुआ,
तू मेरा हों गया देखते देखते।।
सोचता हूँ की तेरी कृपा से प्रभु,
क्या से क्या हो गए देखते देखते,
जो फकीरी में दिन काटते थे कभी,
बादशाह जो गए देखते देखते,
तू तो आँखों से एक पल ना ओझल हुआ,
तू मेरा हों गया देखते देखते।।
तेरी सोणी सी सूरत देखि प्रभु,
दिल का गुलशन खिला देखते देखते,
सोचता हूँ मैं शुकराना कैसे करूँ,
ऐसा दिलबर मिला देखते देखते,
तू तो आँखों से एक पल ना ओझल हुआ,
तू मेरा हों गया देखते देखते।।
तुमसे मिलने मिलाने का दिल जो करे,
बन गया सिलसिला देखते देखते,
खाटू में श्याम भक्तो का ‘चोखानी’ को,
मिल गया काफिला देखते देखते,
तू तो आँखों से एक पल ना ओझल हुआ,
तू मेरा हों गया देखते देखते।।
तू तो आँखों से एक पल ना ओझल हुआ,
तू मेरा हो गया देखते देखते,
देखते ही तेरी प्यारी चितवन प्रभु,
दिल फ़िदा हो गया देखते देखते,
तू तो आँखों से एक पल ना ओझल हुआ,
तू मेरा हों गया देखते देखते।।
स्वर – जुबेर अजमेरी।
लेखक – श्री प्रमोद चोखानी जी।